Introduction
पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत डीप ओशन मिशन के तहत समुद्र में 500 मीटर की गहराई पर अपनी पहली मानवयुक्त पनडुब्बी का संचालन करेगा। श्री सिंह ने मिशन संचालन समिति की बैठक में ये टिप्पणियां कीं, जिसमें वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद और पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन समेत अन्य लोग शामिल हुए।
श्री सिंह ने कहा कि इस साल पनडुब्बी 500 मीटर की गहराई तक काम करेगी, और अगले साल तक 6,000 मीटर की गहराई तक पहुंचने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत के अन्य ऐतिहासिक मिशनों की समयसीमा के साथ संरेखित होगी, जिसमें गगनयान अंतरिक्ष मिशन भी शामिल है, जो वैज्ञानिक उत्कृष्टता की ओर देश की यात्रा में एक सुखद संयोग है।
उन्होंने कहा कि डीप ओशन मिशन में महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ धातुओं और अनदेखी समुद्री जैव विविधता सहित विशाल संसाधनों को खोलने की क्षमता है, जो देश की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। श्री सिंह ने कहा, 'इस मिशन के माध्यम से, हम न केवल अपने महासागरों की गहराई की खोज कर रहे हैं, बल्कि एक मजबूत नीली अर्थव्यवस्था का निर्माण भी कर रहे हैं जो भारत के भविष्य को आगे बढ़ाएगी।'
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह पूरी पहल स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिसे पूरी तरह से भारत में विकसित और निर्मित किया गया है, जो अत्याधुनिक विज्ञान में देश की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य गहरे समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र की समझ को बढ़ाना है, जिससे टिकाऊ मत्स्य पालन और जैव विविधता संरक्षण में योगदान मिल सके।
इन जलगत खजानों का दोहन करके भारत अपनी अर्थव्यवस्था, वैज्ञानिक समुदाय और पर्यावरणीय लचीलेपन के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए तैयार है।